आसान नहीं होगा धर्मातरण..इसकी प्रक्रिया तय होगी, नया कानून बनेगा!

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छतीसगढ़ में अब किसी एक धर्म से दुसरे धर्म में जाना आसान नहीं होगा। इस्के लिए पूरी प्रक्रिया और नियम कानून का पालन करने के बाद धर्म बदला जा सकेगा। इस केलिए छत्तीसगढ़ सरकार धरम्म स्वातंत्र्य कानून बनाने जा रहा है। इसमें नियमों का उल्लंघन या जबरिया धर्मपरिवर्तन कराने वाले को कड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में फिलहाल ऐसी कोई नियम प्रक्रिया नहीं है, जिसमें ध8र्मातरण की प्रक्रिया को वैधानिकता प्रदान की जा सके। किसी धर्म के अनुयायी के कहने पर लोग दूसरे धर्म को स्वीकार कर लेते हैं और उनकी पूजा पद्धति अपनाकर अपने आपको उस धर्म का अनुयायी कहने लगते है! इसलिए धर्मातरण की पूरी प्रक्रिया को ए्क नियम के दायरे में लाया जा रहा है। इस नियम के बाहर जाकर कोई धर्म बदलेगा तो उसको कानूनी मान्यता नहीं दी जाएगी। इसके अलावा प्रलोभन या दबाव डालकर धर्म परिवर्तन करने वाले को दोषी मानते हुए उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विभिन्न राज्यों में इस संबंध में बनाए गए नियम कानून का फिलहाल छत्तीसगढ़ का गृह विभाग अध्यन कर रहा है।जिन राज्यों में बेहतर कानून है उसके प्रवधान यहां लागू किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि आठ से दस राज्यों के कानूनों की बारीकियों को ध्यान में रखकर ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। इसमें उत्तर प्रदेश का कानून सबसे मजबूत बताया जा रहा है। इस कारण उत्तर प्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य कानून का बहुत अधिक हिस्सा यहां लिया जाएगा। इसके तहत एक्क प्रक्रिया बनाने के साथ ही दोषी लोगों को कड़ी सजा देने की प्रक्रिया का खास तर पर ध्यान दिया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में इसलिए आवश्यकता पड़ी

छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रोंमे खासकर बस्तर, जशपुर, रायगढ़ क्षेत्रमें बड़े पैमाने पर आदिवासियों को ईसाई धर्म में लिया जा रहा है। यहविवाद का विषय बना हआ है। बस्तर के नारायणपुर क्षेत्र में तो यहगुटीय संघर्ष में तब्दील हो चुका है। आदिवासी और धर्म परिवर्तन करनेवाले आदिवासियों के बौच कई बार गंभीर विवाद हो चुका है। कानूनव्यवस्था बिगड़ चुकी है। इस कारण छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसे विवादको टालने और धर्मातरण पर एक कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू की है।