Khuda ki mohabbat chords
खु़दा की मुहब्बत से मामूर होकर खु़दा की मुहब्बत से मामूर होकर मसीहा उतर आया है नूर होकर वह आया है अपने ही वादे की खातिर लिया जन्म उसने कुंवारी से आखिर! मुशीर और मालिक- ए-आब्दिअत वही है सलामती का भी शाहज़ादा वही है जहान की खुशी का ठिकाना नहीं है किसी दिल में ग़म का तराना नहीं है दोबारा वह आएगा, कादिर बनेगा। वह ग़मग़ीन दिल को मुनावर करेगा हुज़ूर उसकी तब श़ादमानी रहगी खुशी वह बड़ी आसमानी रहगी नई सलतनत का वह राजा बनेगा सदाक़त से तख्त समभाले रहेगा