अगर पत्नी धर्म परिवर्तन करती है तो विवाह अमान्य हो जाता है!
बैंगलोर : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है की भले ही तलाक क़ानूनी रूप से पूरा न हुआ हो ,अगर पत्नी दूसरे धर्म में परिवर्तित हो जाती है , तो शादी अमान्य होगी | न्यायमूर्ति बादामिकार की टिपण्णी से सत्र न्यायालय के उस आदेश रद्द कर दिया , जिसमे कहा गया था की घरेलु हिंसा के मामले में पति को पत्नी को मुआफज़ा देना चाहिए |
सितम्बर 2000 में शादी करने वाले दम्पति के दो बचो में से एक की युवावस्था में हे मृत्यु हो गयी | बाद में उनकी पत्नी ईसाई धर्म अपना लिया | पति का आरोप है की पत्नी ने उनकी बेटी का भी धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की |
2013 में पत्नी ने घरेलु हिंसा के अधिनियम के तहत अपने पति के खिलाफ मजिस्ट्रेट अदालत का दरवाजा खटखटाया |
कोर्ट ने मुआफज़ा की मांग वाली याचिका खारिज कर दी|
इसके खिलाफ अपील लार सुनवाई करते हुए सेशन कोर्ट ने पति को चार लाख रूपए मुआफज़ा देने का निर्देश दिया |
हाई कोर्ट में अपील में पति ने बताया की घरेलु हिंसा साबित नहीं हुए है और पत्नी ने धर्म परिवर्तन कर लिया है |
घरेलु हिंसा अधिनियम धारा 22 के तहत मुहावज़े के लिए फैसला सुनाया जा सकता है | लेकिन हाई कोर्ट ने कहा की इस मामले में मजिस्ट्रेट और सेशन कोर्ट यह नहीं कहा है की घरेलु हिंसा हुए थी , सत्र न्यायालय ने इस आधार पर मुआफज़ा दिया की विवाह कायम था और पत्नी की कोई आय नहीं थी |
हलाकि उच्च न्यायालय ने कहा की पत्नी ने ईसाई धर्म अपनाने के बाद , वैवाहिक संभंध समाप्त हो गया और पत्नी ने
मुहावज़े का दावा करने का अधिकार खो दिया है |