चाक पर अपनी रख मुझे, रूप अपना येशु दे मुझे
जलाल का अपने बर्तन बना
आकर दे अपने हाथों से, तेरी मर्ज़ी हो पूरी मुझसे
एक ऐसी मशक मुझको बना
फ़रियाद ये तुझसे खुदा,मुझको उठा मुझको बना
भरदे रूह से,अपनी सामर्थ से,पंखों में अपने छुपा
मिटटी बेजान हूँ, मुझको उठाले, हाथों से अपने बना
बिगड़ ना जाऊं मैं, बिखर ना जाऊं मैं
तेरे हाथों में ही रहना चाहुँ मैं
दुनिया की भीड़ में, कही खो न जाऊं मैं
इस भीड़ में कुचल न जाऊं मैं
अपने सायें में मुझको छुपा, अपने हाथों से मुझको सजा
Bridge:
मेह्फूस हूँ मैं तेरे सायें में खुदा,
तेरा हाथ मैं कभी ना छोडूंगा
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