Abhishek (ek baarish ki taraah CHORDS ) अभिषेक ( एक बारिश की तराह ) || Abhishek (अभिषेक) 

एक बारिश की तराह, एक अग्नि के समान या गिर जाये मुजपे, एक चादर के समान हो दुगना, और ताज़ा हो अभिषेक, आज मुजपे हो दुगना, दुगना , पहले से ज़्यादा, ज़्यादा हो अभिषेक, आज मुजपे अभिषेक कर दे, मुझे तेरी रूह से की मैं बन सकु, हु-बा-हू तेरे जैसे तेरी नज़रों से मैं देख सकु, तेरी बातों को मैं सुन सकु एक ऐसी कृपा, कर दे मुझपे ​​येशु