Dukh aur musibat ke bhavsagar main chords || दुःख और मुसीबत के भवसागर में || Yatra karunga Krus ko dekhkar

दुःख और मुसीबत के भवसागर में विश्वास की नय्या खेते हुए पहुँचूँगा अनंत घर में अपने विश्राम करूँगा प्रभु संग में यात्रा करूँगा क्रूस को देखकर युद्ध करूँगा येशु के खातिर मेरा यह जीवन मेरी हर साँस मुक्तिदाता पे कुर्बान गुजरा ज़माना गुजरते है दिन येशु अब आएगा दूतो के संग येशु की महिमा करने भजन सिद्ध हो मेरी आत्मा और बदन दुःख की रोटी हो मेरा भोजन दर्द के आंसू पीने का हो जल घुल जाए आहो में मेरा बदन सब कुछ हो चाहे प्रतिकूलतम हमारे पूर्वजो और प्रेरितो ने दूर से देखा वो आशीष का घर खुद को परदेशी जानते हुए लाभ की बातो को हानि माना