खुदाया शुकर है तेरा
हमें ये दिन दिखाया है {२}
तेरे दर पर हम आये हैं
और अपना सर झुकाया है {२}
कभी हम भूल नहीं सकते
मसीहा बरकते तेरी {२}
दुआ में जो कुछ माँगा
आपसे हमने पाया है {२}
हम अपने सारे हादिये लेकर
तेरे घर में हाज़िर हों {२}
कलम ऐ पाक में तूने
हमें येही सिखाया है {२}
मेरी जो सर्फ्राज़ी है
वोह तेरी मेहेरबानी है {२}
तेरे लुफ्त -ओ -करम का
या रब किसने भेड़ पाया है {२}
हमारे बाल बचों पर सदा
नज़ारे करम रखना {२}
के जैसे आज तक रहमत
का तेरी हम पर साया है {२}
Khudaya Shukar Hai Tera
Hamien Yeh Din Dikhaya Hai
Tere Dar Par Hum Aaye Hai
Aur Apna Sir Jhukaya Hai
Hum Apne Sare Hadiye Lekar
Tere Ghar Mein Hazir ho
Kalam-e Paak Mein Tune
Hamien Yeh Hi Shikaya Hai
Hamare Baal Bacho Par Sada
Najre Karam Rakhna
Ke Jaise Aaj Tak Rehmat
Ka Teri Hum Par Hi Saya Hai
Meri Jo Sarafraji Hai Woh
Teri Meharbani Hai
Tere Rehmo Karam Ka
yeh Rab Kisne Bhed Paya Hai
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